एक कविता - एक विचार
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आग मेरी धमनियों में जलती है
पर शब्दों में नहीं ढल पाती
मुझे एक चाकू दो मैअपनी रगें काटकर दिखा दूँ
की कविता कहाँ है ...............
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इस तरह सूखो मत की अकड़कर टूट जाओ लेकिन इतने गीले भी मत बनो कि कपडे की तरह तुम्हे निचोड़ लिया जाए।
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